क्या है कैंसर का विज्ञान और समाधान ?

Subhash Verma
4 min readAug 11, 2024

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कैंसर के कारण / Cause of cancer by dr subhash verma

कैंसर एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही लोग घबरा जाते हैं, और ऐसा होना भी स्वाभाविक है। आखिरकार, कैंसर एक ऐसी बीमारी है जो शरीर की कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि के कारण होती है। यह ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की कोशिकाएँ बिना किसी रोक-टोक के बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर नामक एक गाँठ बना लेती हैं। यह ट्यूमर अच्छे और बुरे, दोनों प्रकार के हो सकते हैं, लेकिन जब बात कैंसर की आती है, तो हम बुरे ट्यूमर की बात कर रहे होते हैं, जो शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है।

कैंसर कैसे विकसित होता है?

कैंसर का विकास उस समय शुरू होता है जब शरीर की सामान्य कोशिकाओं में गड़बड़ी होने लगती है। सामान्यतः, हमारी कोशिकाएँ एक निश्चित समय तक जीवित रहती हैं और फिर मर जाती हैं, और उनकी जगह नई कोशिकाएँ ले लेती हैं। लेकिन कैंसर में, कोशिकाएँ मरने के बजाय लगातार विभाजित होती रहती हैं और इस प्रक्रिया में उनका DNA भी बदल जाता है। यह DNA की खराबी ही कैंसर का मुख्य कारण है। जब ये कैंसर कोशिकाएँ एक स्थान पर इकट्ठा हो जाती हैं, तो ट्यूमर का निर्माण होता है, जो समय के साथ शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है।

कैंसर के प्रकार?

कैंसर के कई प्रकार होते हैं, जो उस अंग या ऊतक पर निर्भर करते हैं जहाँ यह विकसित होता है। जैसे, स्तन कैंसर, फेफड़े का कैंसर, त्वचा कैंसर, और पेट का कैंसर। कुछ कैंसर बहुत आक्रामक होते हैं, जैसे फेफड़े और अग्न्याशय का कैंसर, जो जल्दी ही शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाते हैं। वहीं, कुछ कैंसर धीरे-धीरे बढ़ते हैं और इनके इलाज के बेहतर मौके होते हैं, जैसे कि प्रोस्टेट कैंसर। हर कैंसर का उपचार और इसकी गम्भीरता इस बात पर निर्भर करती है कि यह कितनी जल्दी पहचान में आ जाता है और कितनी जल्दी इसका इलाज शुरू होता है।

कैंसर के कारण ?

कैंसर के कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, आनुवांशिक कारणों की बात करें तो यह देखा गया है कि जिन परिवारों में कैंसर के मामले होते हैं, वहाँ इसका खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, पर्यावरणीय कारण भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं। धूम्रपान, प्रदूषण, हानिकारक रसायनों का संपर्क, और सूर्य की UV किरणें कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती हैं। वहीं, जीवनशैली भी महत्वपूर्ण है। अनियमित खानपान, व्यायाम की कमी, मोटापा, और तनाव भी कैंसर के जोखिम को बढ़ाते हैं।

कैंसर की पहचान और निदान ?

कैंसर की पहचान जितनी जल्दी हो, उतना बेहतर होता है। इसके शुरुआती लक्षणों में लगातार खांसी, वजन का अचानक घटना, असामान्य थकान, और शरीर के किसी हिस्से में गाँठ महसूस होना शामिल है। कैंसर का सही निदान करने के लिए डॉक्टर विभिन्न टेस्ट करते हैं, जिनमें बायोप्सी, इमेजिंग (जैसे CT स्कैन, MRI), और ब्लड टेस्ट शामिल हैं। इन टेस्ट के माध्यम से यह पता लगाया जाता है कि कैंसर किस प्रकार का है और वह शरीर में कितना फैल चुका है।

कैंसर का इलाज ?

कैंसर का इलाज मुख्य रूप से तीन तरीकों से किया जाता है: सर्जरी, कीमोथेरेपी, और रेडियोथेरेपी। सर्जरी में ट्यूमर को शरीर से हटाया जाता है। कीमोथेरेपी में विशेष दवाओं का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है, जबकि रेडियोथेरेपी में उच्च ऊर्जा वाली किरणों का उपयोग किया जाता है। हाल के वर्षों में, इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी जैसे नए उपचार भी सामने आए हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करके कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं।

कैंसर से बचाव ?

कैंसर से बचाव करना हमेशा इलाज से बेहतर होता है। इससे बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए, जिसमें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और धूम्रपान व शराब से दूरी शामिल है। इसके अलावा, नियमित स्वास्थ्य जांच भी महत्वपूर्ण है, जिससे कैंसर का पता शुरुआती चरण में ही लगाया जा सके। कुछ कैंसर, जैसे सर्वाइकल कैंसर, का टीकाकरण भी उपलब्ध है, जिससे इसके जोखिम को कम किया जा सकता है।

भविष्य की दिशा ?

कैंसर अनुसंधान में तेजी से प्रगति हो रही है। वैज्ञानिक अब व्यक्तिगत जीनोमिक्स का उपयोग करके हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग उपचार विधियाँ विकसित कर रहे हैं। इसके अलावा, नए उपचार और तकनीकें, जैसे कि जीन थेरपी और नैनोमेडिसिन, कैंसर के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं। आने वाले समय में, यह उम्मीद की जा सकती है कि कैंसर के इलाज के नए तरीके विकसित होंगे, जो अधिक प्रभावी और कम दर्दनाक होंगे।

निष्कर्ष

कैंसर का विज्ञान जटिल है, लेकिन इसे समझना और इससे बचने के उपाय अपनाना हमारी ज़िम्मेदारी है। जागरूकता और सही समय पर निदान के जरिए हम इस गंभीर बीमारी से लड़ सकते हैं। कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना और इसे एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या के रूप में मान्यता देना आज की आवश्यकता है।

Subhash Verma

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Written by Subhash Verma

Author Subhash Verma : Hindi Fiction Writer | Medical Physicist | Published Author- Latest Novel : Anushasan / अणुशासन

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